Thursday, 23 February 2012

उड़ने दो पतंग


उड़ने दो पतंग अभी तो  बाकी है आसमान 
उड़ने दो पतंग अभी तोह बाकी है उड़ान 
दूसरी पतंगों का डर  नहीं मुझे 
बस हवाओं में लेहेराना है 
तारों से भी दूर है मंजिल मेरी 
अपना रास्ता बनाते हुए आगे निकल जाना  है            

उड़ने दो पतंग अभी तो बाकी है आसमान 
उड़ने दो पतंग अभी तोह बाकी है उड़ान
मज़बूत और तेज़ है मांजा मेरा 
किसी से भी लड़ जाऊँगा 
अँधेरे का भी डर नहीं 
रात में भी उड़ जाऊँगा 

उड़ने दो पतंग अभी तो बाकी है आसमान 
उड़ने दो पतंग अभी तोह बाकी है उड़ान
कट भी गया तो कोई दुख नहीं 
फिज़ा  के साथ कही और पहुच जाऊँगा 
जिसको भी मिला उसी के साथ उड़ जाऊँगा  

उड़ने दो पतंग अभी तो बाकी है आसमान ............
उड़ने दो पतंग अभी तो बाकी है उड़ान......

1 comment:

  1. उड़ने दो पतंग अभी तो बाकी है आसमान
    उड़ने दो पतंग अभी तोह बाकी है उड़ान
    मज़बूत और तेज़ है मांजा मेरा
    किसी से भी लड़ जाऊँगा
    अँधेरे का भी डर नहीं
    रात में भी उड़ जाऊँगा

    Very nice lines... I truly admire your writing. May god bless you keep up the good work.. I shall be in Sahibabad This saturday will surely meet you...

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